सिलाई से शुरू हुआ सफर, अब संभालती हैं ऑनलाइन ऑर्डर और ट्रेनिंग क्लास – एक हाउसवाइफ की सच्ची प्रेरणादायक कहानी
हर महिला के पास एक खास हुनर होता है, फर्क बस इस बात का है कि कौन उसे पहचानती है और कौन सिर्फ सोचती रह जाती है। ये कहानी है संध्या देवी की, जिन्होंने शादी के बाद लगभग 15 साल तक सिर्फ अपने परिवार को संभाला। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब उन्होंने अपनी पहचान खुद बनाने की ठान ली – और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा।
परिवार के लिए जीने वाली महिला ने जब खुद के लिए सोचना शुरू किया
संध्या हरियाणा के एक छोटे शहर में अपने पति और दो बच्चों के साथ रहती थीं। उनका पूरा दिन रसोई, बच्चों और घर के कामों में निकल जाता था। धीरे-धीरे उन्हें लगा कि उनकी पढ़ाई और हुनर सिर्फ दीवारों तक ही सीमित रह गया है। मन में बार-बार यही सवाल उठता था — “क्या मैं कुछ कर सकती हूं?”
एक पुरानी सिलाई मशीन बनी नयी शुरुआत
संध्या को सिलाई का अच्छा अनुभव था, लेकिन शादी के बाद कभी मौका ही नहीं मिला। एक दिन जब मोहल्ले की एक महिला ने उनसे सलवार सूट सिलवाया और तारीफ की, तो उनके मन में एक उम्मीद जागी। उन्होंने तय किया कि अब वो दोबारा सिलाई शुरू करेंगी – लेकिन इस बार सिर्फ दूसरों के लिए नहीं, अपने लिए भी।
3 महिलाओं से शुरू किया काम
संध्या ने सबसे पहले मोहल्ले की 3 महिलाओं को सिखाना शुरू किया – न कोई फीस ली, न ही कोई बड़ी घोषणा की। उनका मकसद था कि पहले खुद के आत्मविश्वास को मजबूत करना। कुछ ही हफ्तों में 10 और महिलाएं जुड़ गईं और अब हर रविवार को उनके किराए के घर की बालकनी एक छोटी सी ट्रेनिंग क्लास में बदल जाती थी।
लॉकडाउन बना मोड़
2020 में जब लॉकडाउन हुआ तो बहुत सी महिलाओं की नौकरी गई और सिलाई, मास्क बनाने, होम डिलीवरी जैसे कामों की डिमांड बढ़ गई। संध्या ने इस समय का पूरा फायदा उठाया। उन्होंने यूट्यूब से सीखकर ऑनलाइन ऑर्डर लेना, Google Form बनाना, और WhatsApp पर बिजनेस प्रोफाइल सेट करना शुरू किया।
अब हर महीने 80+ ऑर्डर
आज संध्या के पास पूरे शहर से ऑर्डर आते हैं – सिर्फ कपड़े सिलने ही नहीं, बल्कि छोटे बच्चों के स्कूल प्रोजेक्ट, ब्लाउज डिज़ाइनिंग और मास्क-बैग सेट जैसी चीज़ों के भी। हर महीने वह करीब ₹40,000 की कमाई कर रही हैं। उनके साथ अब 5 और महिलाएं जुड़ी हैं जिन्हें वह हर सप्ताह ₹3000-₹5000 तक देती हैं।
अब खुद का YouTube चैनल भी
2023 में संध्या ने अपना यूट्यूब चैनल शुरू किया – “Sew with Sandhya” जहां वह घर बैठे सिलाई सिखाने की वीडियो डालती हैं। उनके चैनल पर अब 12,000 से ज्यादा सब्सक्राइबर हैं।
क्या सीखते हैं हम इस कहानी से?
सीख | विवरण |
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हिम्मत उम्र नहीं देखती | 38 की उम्र में उन्होंने काम शुरू किया और अब डिजिटल इंडिया का हिस्सा हैं |
हुनर को पहचानो | उन्होंने वही किया जो उन्हें आता था – सिलाई |
सोशल मीडिया का स्मार्ट इस्तेमाल | WhatsApp और YouTube को अपने काम का हिस्सा बना लिया |
दूसरों को जोड़ो | उन्होंने दूसरों को भी कमाने का मौका दिया, सिर्फ खुद आगे नहीं बढ़ीं |
निष्कर्ष
संध्या देवी की यह कहानी बताती है कि सफलता का रास्ता हमेशा शहरों की ऊंची इमारतों से नहीं, बल्कि घर की रसोई और बालकनी से भी शुरू हो सकता है। उन्होंने दिखा दिया कि महिला अगर ठान ले, तो सिलाई मशीन ही नहीं, पूरा भविष्य बदल सकती है।