क्या सोना ₹1 लाख तक पहुंचकर फिर ₹56,000 पर आ जाएगा? जानिए अप्रैल 2025 में गोल्ड रेट की सच्चाई
अप्रैल का महीना है, शादी-ब्याह का सीज़न आने वाला है और सोने के दाम ने जैसे रफ्तार पकड़ ली है। हर दिन नया ऑल टाइम हाई, हर दिन नई रिकॉर्ड कीमत। एक्सपर्ट्स का कहना है कि आने वाले दिनों में 10 ग्राम सोने की कीमत ₹1 लाख को पार कर सकती है।
लेकिन सवाल ये है — क्या सोना वाकई ₹1 लाख का आंकड़ा पार करेगा और फिर ₹56,000 तक गिर भी सकता है?
आज का सोने का रेट – सिर्फ ₹5,000 दूर 1 लाख से
आज यानी अप्रैल 2025 में 24 कैरेट 10 ग्राम सोने का भाव ₹95,207 है। सोचिए, सिर्फ ₹5,000 की दूरी पर है ₹1 लाख का आंकड़ा। और अगर पीछे मुड़कर देखें तो 31 दिसंबर 2024 को सोना ₹76,162 था। यानी सिर्फ 108 दिनों में ₹19,000 की उछाल!
इतनी तेज़ी पहले कभी नहीं देखी गई
2024 में पूरे साल जितनी बढ़ोतरी हुई थी, उससे डेढ़ गुना ज़्यादा रफ्तार इस बार सिर्फ 3 महीने में ही दिखी है। यह दिखाता है कि सोने के दामों में इस बार कुछ बड़ा गेम चल रहा है।
अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर बना वजह
3 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा 75 देशों पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने का ऐलान हुआ। इसके बाद शेयर बाजार, डॉलर, रुपया—सब डगमगाने लगे। नतीजा? निवेशकों ने सुरक्षित विकल्प चुना – सोना।
ट्रेड वॉर और मंदी की आशंका ने ग्लोबल मार्केट को हिला दिया और सोना बन गया सभी का भरोसेमंद साथी।
क्या सोना फिर ₹56,000 पर आ सकता है?
अमेरिकन फाइनेंशियल सर्विस कंपनी Morningstar का दावा है कि सोना ₹56,000 प्रति 10 ग्राम तक गिर सकता है। लेकिन दूसरी ओर Goldman Sachs और Union Bank of Switzerland का कहना है कि 2025 के अंत तक सोने का रेट ₹1,25,000 हो सकता है।
यानि जहां कुछ लोग गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं बड़े इन्वेस्टमेंट बैंकों को और उछाल की उम्मीद है।
मुंबई के झावेरी बाजार का हाल
भारत का सबसे बड़ा गोल्ड मार्केट – झावेरी बाजार। यहाँ लोग कह रहे हैं कि:
“रेट बढ़े हैं तो क्या, शादी-ब्याह तो होते रहेंगे। खरीदारी कम हो सकती है, लेकिन बंद नहीं।”
“हमने अभी ही थोड़ा बहुत खरीद लिया इन्वेस्टमेंट के लिए। क्योंकि आगे और बढ़ने के चांस हैं।”
“सोना तो हर हाल में काम आता है। आज नहीं तो कल, ये सबसे अच्छा लिक्विड एसेट है।”
क्या करें आम खरीदार?
- अगर आप इन्वेस्टमेंट की सोच रहे हैं, तो थोड़ा-थोड़ा करके खरीदना बेहतर रहेगा।
- शादी के लिए खरीदारी जरूरी हो तो देर न करें।
- सोना अब सिर्फ गहनों का ज़रिया नहीं, एक सुरक्षित फाइनेंशियल एसेट भी है।
ग्लोबल सेंट्रल बैंक की गोल्ड खरीद
Goldman Sachs की रिपोर्ट बताती है कि 2025 में दुनिया के सेंट्रल बैंक हर महीने औसतन 80 टन सोना खरीद सकते हैं, जबकि 2022 में ये आंकड़ा सिर्फ 17 टन था। मतलब सिर्फ 3 साल में ये खरीद पांच गुना बढ़ी है।
चीन है असली वजह?
Goldman Sachs की रिपोर्ट में ये भी बताया गया कि चीन अपनी घोषित खरीद से 10 गुना ज़्यादा गोल्ड छुपकर खरीद रहा है। यही वजह है कि सोने के दामों को पंख लग गए हैं।
निष्कर्ष: क्या करें आप?
- अगर लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट के लिए सोच रहे हैं तो सोना एक अच्छा विकल्प है।
- अगर गिरावट की उम्मीद में बैठे हैं, तो हो सकता है आप मौके से चूक जाएं।
- बाजार अनिश्चित है, लेकिन सोना हमेशा सुरक्षित विकल्प माना गया है।